Gaur Gyan Sangam-2 Bharatieya Bhashalok: Vaividhy Aur Vaishishty (गौर ज्ञान संगम-2 भारतीय भाषालोक:वैविधि और वैशिष्ट्य)
Material type:
- 9789348029379
- 491.43 NEELI BHA
Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | 491.43 NEELI BHA (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00703, 05/03/2025 | Available | 394912 | ||
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | 491.43 NEELI BHA (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00703, 05/03/2025 | Available | 394913 | ||
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | 491.43 NEELI BHA (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00703, 05/03/2025 | Available | 394914 | ||
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | 491.43 NEELI BHA (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00703, 05/03/2025 | Available | 394915 | ||
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | 491.43 NEELI BHA (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00703, 05/03/2025 | Available | 394916 |
'भारतीय भाषालोक-वैविध्य और वैशिष्ट्य' यह पुस्तक भारतीय भाषाओं के विविध रूपों के उत्पत्ति एवं विकास का प्रमाणिक विवेचन प्रस्तुत करते हुए उसकी भाषागत विशेषताओं एवं उस भाषा में उपनिबद्ध विभिन्न साहित्यों में अंतर्निहित सामाजिक सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय भावना के स्वर को उपस्थापित करने वाली एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। इस पुस्तक में संस्कृत, हिन्दी, प्राकृत, पंजाबी, ब्रज, बुन्देली, मैथिलि, उड़िया, बंगाली, मराठी, तेलगू, कन्नड़, मलयालम आदि भाषाओं के स्वरुप एवं उसके महत्त्व को रेखांकित करने वाले सुचितित शोधलेखों का लेखन देश के सुधि विद्वानों द्वारा किया किया है। यह पुस्तक भारत के सांस्कृतिक वैभव को प्रकाशित करने वाली महनीय कृति के रूप में पहचान को प्राप्त करेगी। यह पुस्तक न सिर्फ भारतीय भाषाओं के भारत केन्द्रित महत्त्व को रेखांकित करती है अपितु इसके विभिन्न आलेखों में भारतवर्ष के वैश्विक परिदृश्य को भी विद्वानों के द्वारा उकेरा गया है। भारतीय भाषा लोक के विविधात्मक भाषाई स्वरूपों के वैशिष्ट्य को तर्कसंगत तथ्यों के साथ निरुपित किया गया है।
There are no comments on this title.