Paryavaran Nitishastra
Material type:
- 9393214026
- 179.1 TIW P
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Jawaharlal Nehru Library | Available | 392777 |
पर्यावरण- नीतिशारत्र अनुप्रयुक्त, नीतिशारत्र का एक अलग भाग है जिसमें पर्यावरण सम्बंधित समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। प्रस्तुत पुस्तक मेंलेखक ने उन कारणो की खोज करने का प्रयास किया है, जिनकें कारण आज यें समस्याएं उत्पन्न हुई है। लेखक के अनुसार मनुष्य अपने स्वार्थहित के लिए प्राकृतिक संसाधनों के लिए पर्यावरण का दुरुपयोग किया है। उसका परिणाम पर्यावरण समस्या है। लेखक ने प्राकृतिक पर्यावरण के अलावा सामाजिक, राजनैतिक, आध्यात्मिक आदि पर्यावरणों का भी उल्लेख किया है। पर्यावरण समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान सर्वोदय एंव अध्यात्म विचार को बतलाया गया है। लेखक ने उपयोगितावदा, कठोरतावदा आदि सिद्धांतो का भी उल्लेख किया है। ये पुस्तक दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ साथ आम जन के लिए भी उपयोगी साबित होगी। मानविकी संख्या के साथ साथ विज्ञान, समाज विज्ञान, एंव अन्य सांख्य के विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा। वस्तुतः पुस्तक सार्वप्रधानिय है। डॉ तिवारी ने रांची यूनिवर्सिटी से 1982 में पी-एच- डी की उपाधि प्राप्त की है। उन्होने तीन दर्जन से अधिक शोधचित्रो का सफल निर्देसन किया।
There are no comments on this title.