Darshanika Samiksha Ka Satyagraha
Material type:
TextLanguage: Hindi Publication details: New Delhi Indian Council of Philosophical Research 2022Edition: 1stDescription: 198 pISBN: - 9788124611593
- 181.4 AMB
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Books
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Jawaharlal Nehru Library | Available | 393156 | |||
Books
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Jawaharlal Nehru Library | Available | 393157 |
दार्शनिक समीक्षा का सत्याग्रह नामधेय यह कृति मेरे द्वारा दिए गए व्याख्यानों का एक परिमार्जित संग्रह है। यह सभी व्याख्यान भारत के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में 2017-18 के दौरान भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् के अतिथि आचार्य (विजटिंग प्रोफेसर) के रूप में दिए गए थे। ऐसे संग्रह-ग्रन्थ में विचार केन्द्रित अन्विति नहीं होती, और यदि होती भी है तो उसे विचारक-केन्द्रित अन्विति के रूप में ही परखा जा सकता है। विचारों में विचारक-केन्द्रित अन्विति अनुप्रास युक्त पदों से निर्मित एक वाक्य की तरह होती है जिसके अलग-अलग पद आनुप्रासिक सौन्दर्य के साथ अर्थ का अभिधान करते हैं। इसी प्रकार का आनुप्रासिक सौन्दर्य एक व्यक्ति के बहुविध वैचारिक उपक्रमों की सार्थकता होती है। दार्शनिक समीक्षा के रूप में समाकलित इन सभी व्याख्यानों की अन्विति उनके सत्याग्रही होने में है। विचार का सत्य विचारों के मूलगामी अर्थ को उद्घाटित करना है। समीक्षा जब इस उद्देश्य के साथ प्रवर्तित होती है तभी “सत्याग्रह” उसका विशेषण बनता है।
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