Cinema: Kal,Aaj,Kal
Material type:
- 8181434668
- सिनेमा: कल,आज,कल
- 791.43 VIN
Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Jawaharlal Nehru Library | 791.43 VIN (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00605, 05/04/2025 | Available | 393490 |
सुपरिचित फिल्म समीक्षक विनोद भारद्वाज तीन दशकों से भारतीय और विश्व सिनेमा के विशेषज्ञ के रूप में धर्मयुग, दिनमान, नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, आउटलुक साप्ताहिक आदि देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते रहे हैं। 'दिनमान' के संपादक रघुवीर सहाय के अनुरोध पर उन्होंने कॉलेज के दिनों में ही चुनी हुई विदेशी फिल्मों पर लिखना शुरू कर दिया था। बाद में 'धर्मयुग' में धर्मवीर भारती के कहने पर उन्होंने हिंदी फिल्म समीक्षा का कालम लिखा। 'दिनमान' के संपादकीय विभाग के एक सदस्य के रूप में विनोद भारद्वाज लंबे समय तक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों पर लिखते रहे। 'नवभारत टाइम्स' में कई साल तक उन्होंने फिल्म समीक्षा का कालम लिखा और इन दिनों वह 'आउटलुक' साप्ताहिक के फिल्म समीक्षक हैं। पिछले 32 सालों में विनोद भारद्वाज ने सिनेमा पर जो लिखा उसका एक प्रतिनिधि चयन इस पस्तक में शामिल है। लेखक के पास विश्व सिनेमा को जानने जाँचने के पर्याप्त औजार हैं और भारतीय सिनेमा की परंपरा से भी वह गहरे स्तर पर जुड़े हैं। मुंबइया लोकप्रिय सिनेमा पर भी उन्होंने एक अलग नजरिए से लिखा है। आवरण चित्र बुद्धदेव दासगुप्त की फिल्म 'मंदो मेयेर उपाख्यान' (2002) का एक दृश्य
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