bolna hi hai : loktantra, sanskriti aur rashtra ke bare main (बोलना ही है : लोकतंत्र, संस्कृति और राष्ट्र के बारे में )
Material type:
- 9789388933612
- 320.954 RAVI BO
Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode | |
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Jawaharlal Nehru Library | 320.954 RAVI BO (Browse shelf(Opens below)) | NPH/24-25/IN-00605 05/03/2025 | Available | 393489 |
"रवीश कुमार की यह किताब ‘बोलना ही है’ इस बात की पड़ताल करती है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किस-किस रूप में बाधित हुई है, परस्पर संवाद और सार्थक बहस की गुंजाइश कैसे कम हुई है और इससे देश में नफ़रत और असहिष्णुता को कैसे बढ़ावा मिला है। कैसे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि, मीडिया और अन्य संस्थान एक मज़बूत लोकतंत्र के रूप में हमें विफल कर रहे हैं। इन स्थितियों से उबरने की राह खोजती यह किताब हमारे वर्तमान समय का वह दस्तावेज़ है जो स्वस्थ लोकतंत्र के हर हिमायती के लिए संग्रहणीय है। हिन्दी में आने से पहले ही यह किताब अंग्रेज़ी, मराठी और कन्नड़ में प्रकाशित हो चुकी है।"
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