Local cover image
Local cover image

Lomharshini

By: Material type: TextTextLanguage: Hindi Publication details: Delhi Rajkamal Prakashan 2024Edition: 11th edDescription: 258 pISBN:
  • 8171789443
Subject(s): DDC classification:
  • 891.433 KAN L
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode
Books Books Jawaharlal Nehru Library Available 392647
Books Books Jawaharlal Nehru Library Available 392648

प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के मर्मझ विद्वान कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी उपन्यासकार के नाते न केवल गुजरती, बल्कि समूचे भारतीय साहित्य में समादृत हैं! कई खण्डों में प्रकाशित विशाल औपन्यासिक रचना ‘कृष्णावतार’, ‘भगवन परशुराम’, ‘लोपामुद्रा’ जैसे वैदिक और पुराणिक काल का दिग्दर्शन करनेवाले उपन्यासों के कर्म में ‘लोम्हार्षिणी’ उनकी एक और महत्त्पूर्ण कथाकृति है! लोम्हार्षिणी राजा दिवोदास की पुत्री और परशुराम की बल-सखी थीं, जो युवा होने पर उनकी पत्नी बनीं! भृगुकुलश्रेष्ठ परशुराम ने अत्याचारी सहस्रार्जुन के विरुद्ध व्यूह-रचना का जो लम्बा संघर्ष किया, उसमें लोम्हार्षिणी की भूमिका भारतीय नारी के गौरवपूर्ण इतिहास का एक उज्ज्वलतर पृष्ठ है! साथ ही इस उपन्यास की पृष्ठभूमि में ऋषि विश्वामित्र और मुनि वसिष्ठ के मतभेदों की कथा भी है! उनके यह मतभेद त्रित्सुओ के राजा सुदास के पुरोहित-पद को लेकर तो थे ही, इनके मूल में विश्वामित्र द्वारा आर्य और दस्युओं के भेद का विवेचन तथा वसिष्ठ द्वारा आर्यों की शुद्ध सनातन परंपरा का प्रतिनिधित्व करना भी था! वस्तुतः लोम्हार्षिणी में मुशिही ने नारी की तेजस्विता तथा तत्कालीन समाज, धर्म, संस्कृति और राजनीती के जटिल अंतर्संबंधो का प्राणवान उदघाटन किया है!

There are no comments on this title.

to post a comment.

Click on an image to view it in the image viewer

Local cover image
Designed & Maintained by : APPSPOTSOFTWARE Jawaharlal Nehru Library Contact: library@dhsgsu.edu.in © 2024. All Rights Reserved.